जन्म दिवस विशेष : डॉ. APJ अब्दुल कलाम आजाद
दीपावली त्यौहार के दिन थे, एक छोटा मुस्लिम बालक भी हिन्दुओं का यह उल्लासपूर्ण पर्व मनाना चाहता था, लेकिन वह बहुत गरीब था, और चूँकि अखबार बेचकर वो बेचारा अपनी पढ़ाई का खर्च जुटाता था और दो पैसे की मदद अपने गरीब बाप की भी किया करता था, अतः उसके पास पर्याप्त पैसों की कमी थी। संयोगवश उस दिन उसने अखबार बेचकर अन्य दिनों की अपेक्षा पाँच पैसे ज्यादा कमाये। तब वह पटाखे वाले के पास जाता है और उससे एक रॉकेट की माँग करता है, परन्तु वह विक्रेता रॉकेट देने से मना कर देता है यह कहते हुए कि पाँच पैसे में रॉकेट नहीं आता है।
बालक निराश हो जाता है और दुकानदार से कहता है, ‘अच्छा मुझे पाँच पैसे के खराब पटाखे ही दे दो?’ ‘खराब मतलब? वे किस काम आयेंगे?’ ‘मैं उनसे रॉकेट बना लूँगा?’ इसके बाद वह पाँच पैसे में ढेर सारे खराब पटाखों का कूड़ा उठा लाया और एक नहीं कई रॉकेट बनाये और उस दिन उसके गाँव में मुस्लिम मोहल्ले में गगन की दूरी नापने वाले दीवाली के रॉकेट केवल उस बालक के आँगन से ही छोड़े गये थे। वह बालक ही आगे चलकर मिसाइल-मैन के नाम से प्रसिद्ध हुआ। और बाद में वह बालक भारत का राष्ट्रपति भी बना। उस बालक का नाम ए. पी. जे. अब्दुल कलाम था।
शिक्षा:-
यदि मन में कुछ करने की तीव्र इच्छा हो तो आप अपनी बुद्धिमत्ता का प्रयोग कर के प्रतिकूल परिस्थितियों को भी अपने अनुकूल बना सकते हैं।
भारत के Prime Minister प्रधानमंत्री
देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, भारत के एक प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक होने के साथ-साथ भारत के 11वें एवं पहले गैर राजनीतिज्ञ राष्ट्रपति थे, जिन्हें “मिसाइल मैन” के नाम से भी जाना जाता था। मिसाइल मैन के नाम से लोकप्रिय एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती 15 अक्टूबर को और उनकी पुण्यतिथि 27 जुलाई को मनाई जाती है। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था और उनका निधन 27 जुलाई 2015 को शिलांग में दिल का दौरा पढ़ने से हुआ था। 15 अक्टूबर 2020 को देश उनकी 89 वी जयंती मना रहा हैं। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन देशवासियों के लिए, खासतौर पर बच्चों और युवाओं के लिए हमेशा प्रेरणा का स्त्रोत रहा है।
ऐसी महान शख्सियत के 89 वें जन्म दिवस पर सादर प्रणाम व शत-शत नमन.
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