अध्याय:-6 (संचार माध्यमों को समझना) MCQs👈
पाठ के बीच पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1 – पृष्ठ 70 पर दिए गए कोलाज में से संचार माध्यमों के छह अलग अलग प्रकारों को छॉंटिए।
उत्तर :- रेडिओ, टी.वी., अख़बार, इंटरनेट, मीडिया, पत्रिकाएँ आदि कई प्रकार से संचार माध्यमों को विभाजित किया गया है।
प्रश्न 2 – अपने परिवार के बड़े लोगों से पूछिए कि जब टी.वी. नहीं था, तब वे रेडियो पर क्या सुनते थे? उनसे पूछिए कि आपके क्षेत्र में पहले – पहल टी.वी. कब आया था ? केबल टी.वी, कब शुरू हुआ ?
उत्तर :- जब टी.वी. नहीं था हमारे परिवार के लोग रेडियो पर खबर, नाटक, क्रिकेट सब रेडियो पर ही सुनते थे। हमारे क्षेत्र में टी.वी. को आए 35 साल से ऊपर हो गया है। टी.वी. आने के 10–11 वर्ष बाद केबल टी.वी. शुरू हुआ।
प्रश्न 3 – आपके पड़ोस में कितने लोग इंटरनेट का प्रयोग करते हैं ?
उत्तर :- हमारे पड़ोस में एक एक घर में लोग इंटनेट का प्रयोग करते है।
प्रश्न 4 – ऐसी तीन चीजो की सूची बनाइए जो संसार के किन्हीं अन्य भागों से संबंधित हैं और जिनके बारे में आपने टेलीविजन देखकर जाना है।
उत्तर :- संसार में ऐसी बहुत सारी चीजें है जो हमें टेलीविज़न देखकर ही पता चलता है। जैसे:- हमारी सरकार द्वारा अयोध्या में राम मंदिर बनाने का निर्णय। सरकार द्वारा अलग अलग जगह पर क्या योजनाएं बनाई जाती है, सभी हम टी.वी. से देख सकते है। इसके साथ किस देश में क्या हो रहा है कैसे गुनाह, या उनकी समस्याओं से कैसे निपट रहे है हमें सब पता चलता रहता है।
प्रश्न 5 – अपने प्रिय टीवी, कार्यक्रम के दौरान विज्ञापित होने वाली तीन चीजों की सूची बनाइए ।
उत्तर :- टी.वी. कार्यक्रम के दौरान विज्ञापित होने वाली चीजें है :- अनेक प्रकार के शैम्पू, बाइक, कार, खाने पीने की वस्तुए़ं इत्यादि।
प्रश्न 6 – एक समाचारपत्र लीजिए और उसमें दिए गए विज्ञापनों की संख्या गिनिए। कुछ लोग कहते है कि समाचारपत्रों में बहुत अधिक विज्ञापन होते हैं। क्या आप सोचते हैं कि यह बात सही है ? यदि हां तो क़्यों ?
उत्तर :- हां यह बात सच है कि एक समाचार पत्र में बहुत विज्ञापन दिए होते है। सभी विज्ञापनों में अलग अलग जानकारी दी जाती है। नौकरी, सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजना, चोरी – चकारी, राशि की जानकारी आदि बहुत जानकारी होती है जिससे विज्ञापनो की संख्या बढ़ जाती है। एक समाचार पत्र में लगभग 300 से ज्यादा विज्ञापन होते है।
प्रश्न 7 – क्या दोनों समाचारपत्रों में दिया गया उपर्युक्त विवरण एक जैसा है ? आपके विचार से उनमें क्या – क्या समानताएँ और अंतर है ?
न्यूज़ ऑफ इंडिया की रिपोर्ट और इंडिया डेली की रिपोर्ट का चित्र पुस्तक पर देखिए :-
उत्तर :- दोनों समाचारों का एक ही विषय है कारखानों के बारे में लिखना लेकिन अलग अलग शीर्षक से यह बताया गया है कि कारखाने बंद करते समय क्या हुआ और जब कारखाने बंद हो गए तब क्या हुआ। दोनों अखबारों में बात को अलग अलग तरीके से लिख कर बताया गया है।
प्रश्न 8 – यदि आप न्यूज ऑफ इंडिया में दिया गया विवरण पढ़ेंगे तो इस मुद्दे के बारे में क्या सोचेंगे ?
उत्तर :- यदि हमने न्यूज ऑफ इंडिया पढ़ा होता, तो हमें विरोधियों की बातें व्यर्थ उत्पात लगती। उनका यातायात व्यवस्था में बाधा उत्पन्न करना और अपने कारखानों से शहर में प्रदूषण फैलाते रहना, आपके मन में उनकी बुरी छवि अंकित करता।
प्रश्न 9 – क्या आप ऐसा सोचते है कि किसी विषय के दोनों पक्षों को जानना महत्वपूर्ण है ? क्यों ?
उत्तर :- हां, किसी भी विषय के दोनों पक्षों को जानना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि अगर हम एक ही पक्ष को सुनेगे तो दूसरे पक्ष के साथ गलत होगा। वास्तविकता तो यह है कि यदि आप इनमें से केवल एक समाचार पत्र पढ़ेंगे तो विषय का एक ही पक्ष जान पाएँगे। यदि आपने न्यूज ऑफ इंडिया पढ़ा होता, तो आपको विरोधियों की बातें व्यर्थ उत्पात लगती। उनका यातायात व्यवस्था में बाधा उत्पन्न करना और अपने कारखानों से शहर में प्रदूषण फैलाते रहना, आपके मन में उनकी बुरी छवि अंकित करता। दूसरी और यदि आपने इंडिया डेली पढ़ा होता, तो आप जानते कि कारखाने बंद होने पर बहुत – से लोग अपनी रोजी – रोटी खो देंगे। इन दोनों में से एक भी विवरण संतुलित नहीं है। संतुलित रिपोर्ट वह होती है। जिसमें किसी भी विषय पर हर दृष्टिकोण से चर्चा की जाती है। फिर पाठकों को स्वयं अपनी राय बनाने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया जाता है ।
प्रश्न 10 – मान लीजिए कि आप किसी समाचारपत्र के पत्रकार हैं . अब आप उपर्युक्त दोनों विवरणों से एक संतुलित रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर:- शहर के आवासीय क्षेत्र में एक दम से कारखानों को बंद करने का निर्णय लिया गया। जिसकी वजह से लोगों को रोजी रोटी छिनने का डर सताया और मजदूरों के साथ मालिकों ने भी सड़क पर विद्रोह प्रदर्शन करके चक्का जाम किया। यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि सरकार प्रदूषित करने वाले कारखानों को बंद करना चाहती थी। और कारखानें दुबारा खुले इसके बारे में कोई भी प्रस्ताव पास नहीं किया गया। सरकार ने कहा है कि हमने कारखानों के पुनर्स्थापन के लिए बहुत काम किया है। लेकिन कारखानों के लिए जो जगह दी वहां किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है और न ही वहां किसी कार्य में विकास हुआ है।
प्रश्न 11 – संचार माध्यमों के द्वारा एजेंडा तय करते हुए झोपड़पट्टियों के स्थान पर फैशन वीक की खबर देने से क्या नतीजा निकलता है ?
उत्तर :- जो लोग यह सोच रहे होते है कि आज नहीं तो कल हमारी झोपड़पट्टी की खबर जरुर आएगी लेकिन हर बार यह स्थान कोई और खबर ले जाती है जैसे फैशन वीक की खबर ने लिया। इससे लोगों की गरिमा को नुकसान पहुंचता है क्योंकि उन्हें भी पता चल जाता है कि पत्रकार वालों को भी हमारी परेशानियों से कुछ फर्क नहीं पड़ता उन्हें बस युवाओं के लिए फैशन वीक को आकर्षण का केंद्र बनाना है। ताकि ज्यादा से ज्यादा उनके अखबारों की बिक्री हो।
अभ्यास :- प्रश्न
प्रश्न 1 – प्रजातंत्र में संचार माध्यम किस प्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उत्तर :- प्रजातंत्र के नागरिक के रूप में हमारे जीवन में संचार माध्यम बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्योंकि संचार माध्यमों के द्वारा ही हम सरकार के कामों से संबंधित विषयों के बारे में सुनते हैं। संचार माध्यम निश्चित करते हैं कि किन बातों पर ध्यान केंद्रित किया जाना है और इस तरह वह एजेंडा निश्चित कर देते हैं। यदि कभी सरकार चाहे तो संचार माध्यम को किसी घटना की खबर छापने से रोक सकती है। इसे सेंसरशिप कहा जाता है ।
प्रश्न 2 – क्या आप इस रेखाचित्र को एक शीर्षक दे सकते है। इस रेखाचित्र से आप संचार माध्यम और बड़े व्यापार के परस्पर संबंध के बारे में क्या समझ पा रहे हैं।
उत्तर :- रेखाचित्र का शीर्षक ‘ मीडिया उत्पाद एवं धन प्रवाह का माध्यम ‘ हो सकता है। भारत में कुछ बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने अपने स्वयं के संचार माध्यम – रेडियो, टी.वी. एवं समाचार – पत्र आदि विकसित कर डाले हैं। ये संचार माध्यमों द्वारा अपने उत्पादों का विज्ञापन देते हैं। काफी लोग विज्ञापनों को देखकर उनके उत्पाद खरीदते हैं। संचार माध्यमों द्वारा विज्ञापनों से उत्पादों को बढ़ावा मिलता है।
प्रश्न 3 – आप पढ़ चुके हैं कि संचार माध्यम किस प्रकार एजेंडा बनाते हैं इनका प्रजातंत्र में क्या प्रभाव पड़ता है ? अपने विचारों के पक्ष में दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:- संचार माध्यमों को लोकतन्त्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। संचार माध्यम आम लोगों के मुद्दों को एजेंडा के रूप में उनके सामने लाते हैं । इसके उदाहरण निम्नलिखित हैं :-
पहला उदाहरण- संचार माध्यमों ने कोका – कोला पेय में कीटनाशकों का स्तर खतरे के स्तर से बढ़े हुए होने की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया। इन्होंने इसमें कीटनाशकों के अत्यधिक मात्रा में होने की रिपोर्ट प्रकाशित की। इन्होंने सरकार के दबाव के बावजूद निडरतापूर्वक घोषणा की कि कोका–कोला पीना सुरक्षित नहीं है। बाद में जब सरकार ने इस पेय को सुरक्षित घोषित किया। तब संचार माध्यमों ने इस तथ्य को भी प्रभावी ढंग से पेश किया।
दूसरा उदाहरण- संचार माध्यमों ने, चुनाव के समय सत्तारूढ़ दल के द्वारा प्रयोग किए गए सरकारी तंत्र के बारे में चुनाव आयोग को अवगत कराया। इस पर चुनाव आयोग ने इस बारे में तुरंत कार्यवाही की।
प्रश्न 4 – कक्षा परियोजना के रूप में समाचारों में से कोई एक शीर्षक चुनकर उस पर ध्यान केंद्रित कीजिए और अन्य समाचारपत्रों में से उससे संबंधित विवरण छांटिए। दूरदर्शन समाचार पर भी इस विषय पर प्रसारित सामग्री देखिए। दो समाचारपत्रों के विवरण की तुलना करके उनमें समानता और भिन्नता की रिपोर्ट लिखिए। निम्नलिखित प्रश्न पूछना सहायक हो सकता है।
(क) इस लेख में क्या जानकारी दी जा रही है।
(ख) कौन–सी जानकारी इसमें छोड़ दी गई है।
(ग) यह लेख किसके दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर लिखा गया है?
(घ) किसके दृष्टिकोण को छोड़ दिया गया है?
उत्तर :- विद्यार्थियो को खुद के और किसी और के यहाँ से अख़बार लाकर किसी शीर्षक को चुनना है और उत्तर जानने का प्रत्यन करना हैं।
(क) इस लेख में सरकार द्वारा जारी की गई नई योजनाओं के बारे में लिखा गया है।
(ख) इसमें यह जानकारी छोड़ दी गई कि हम यह योजना कैसे अपना सकते है।
(ग) यह लेख लड़कियों की पढ़ाई के दृश्टिकोण को ध्यान में रखकर लिखा गया ताकि सबको फ़ायदा हो और सबके पास यह खबर पहुंचे।
(घ) इसमें योजनाओं को पूर्ण रूप से नहीं लिखा गया। और कैसे कुछ लड़कियां जो इस योजना का अंग नहीं बन सकती उनको छोड़ दिया गया।
प्रश्न 5 – विज्ञापनों के प्रकार के बारे में अकेलें, जोड़ी या समूह में प्रोजेक्ट बनाएं। कुछ उत्पादों के बारे में वाणिज्यिक विज्ञापन एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य, सड़क सुरक्षा, जल व ऊर्जा को बचाने की जरूरत सामाजिक विज्ञापन बनाएं।
उत्तर :-