अटल बिहारी वाजपेयी (भारतीय राजनीति के भीष्म पितामह)
(25 दिसंबर 1924 – 16 अगस्त 2018)
• जन्म स्थान – ग्वालियर, मध्यप्रदेश।
शिक्षा :
• एम.ए. (राजनीति शास्त्र) – डी.ए.वी. कॉलेज, कानपुर (यूपी)
तीन बार का प्रधानमंत्री कार्यकाल :
• प्रथम काल (मई 1996 में 13 दिनों के लिए)
• द्वितीय काल (मार्च 1998 में 13 महीनों के लिए, एनडीए)
• तृतीय काल (अक्टूबर 1999 से 2004, एनडीए)
(पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद दूसरे राजनेता जो लगातार दो बार देश के प्रधानमंत्री चुने गए।)
राजनीतिक जीवन :
• भारतीय जनसंघ के शीर्ष संस्थापकों में से एक तथा 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे।
• सन् 1952 – पहला असफल लोकसभा चुनाव लड़ा।
• सन् 1957 – जनसंघ प्रत्याशी के रूप में पहली लोकसभा जीत, बलरामपुर, जिला गोण्डा (उत्तर प्रदेश)।
• सन् 1957 से 1977 - जनसंघ के संसदीय दल के नेता रहे।
• सन् 1977 से 1979 – विदेश मन्त्री (मोरारजी भाई देसाई की सरकार में)।
• 6 अप्रैल1980 - भारतीय जनता पार्टी (अध्यक्ष)।
प्रमुख कार्य व योगदान :
• 11 व 13 मई 1998 – पाँच सफल परमाणु परीक्षण, पोखरण (राजस्थान)।
• 19 फरवरी 1999 – ‘सदा-ए-सरहद’ (दिल्ली - लाहौर बस सेवा)।
• वर्ष 1999 – कारगिल युद्ध विजय।
• उड़ीसा के सबसे गरीब क्षेत्र हेतु सात सूत्री गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया।
• एक सदी से भी ज्यादा पुराने “कावेरी जल विवाद” का निपटारा किया।
उपलब्धि ओर कीर्तिमान :
• देश के एकमात्र राजनेता जो चार राज्यों के छः लोकसभा क्षेत्रों की नुमाइंदगी कर चुके थे।
• पहले भारतीय नेता (विदेशमंत्री) जिन्होनें संयुक्त राष्ट्र महासंघ को हिन्दी भाषा में संबोधित किया।
• वर्ष 2004 - भारत उदय (इण्डिया शाइनिंग) का नारा दिया।
• राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीयवादी पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया।
• लोकसभा में उनके वक्तव्य अमर बलिदान नाम से संग्रहित है।
पुरस्कार व सम्मान :
• 1992 : पद्म विभूषण
• 1994 : लोकमान्य तिलक पुरस्कार
• 1994 : श्रेष्ठ सासंद पुरस्कार
• 2015 : भारतरत्न से सम्मानित
प्रसिद्ध काव्यसंग्रह:
• मेरी इक्यावन कविताएं।
25 दिसंबर सुशासन दिवस
क्यों - पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में उनके जन्मदिवस पर।
घोषित :
• 23 दिसंबर 2014 - भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा भारत रत्न से सम्मानित करने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा।
• इसी दिन पंडित मदन मोहन मालवीय को भी (मरणोपरांत) भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
• भारत सरकार ने 25 दिसम्बर (सुशासन दिवस) को पूर्ण कार्य दिवस भी घोषित किया था।
• इस फैसले पर विरोधी दलों ने सरकार की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाया था, क्योंकि इसी दिन क्रिसमस का त्यौहार भी होता है जो कि पहले से एक राजकीय अवकाश का दिन है।
सुशासन दिवस कैसे मनाते हैं :
• सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों द्वारा ऑनलाइन निबंध लेखन, वाद-विवाद, समूह चर्चा, ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आदि विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
• यह ऑंनलाइन प्रतियोगिताएं स्वैच्छिक होती है अर्थात इसमें भाग लेने के लिए विद्यार्थी या अन्य कोई बाध्य नहीं है।
सुशासन दिवस मनाने के उद्देश्य :
• देश में सरकारी कामकाज के मानकीकरण के साथ ही एक "खुला और जवाबदेह प्रशासन" प्रदान करने हेतु।
• सुशासन द्वारा देश के विकास में वृद्धि हेतु।
• नागरिकों और सरकार के बीच दूरी को कम करते हुए एक अच्छी शासन प्रक्रिया में उन्हें सक्रिय भागीदार बनाने हेतु।
• सरकारी अधिकारियों को आंतरिक प्रक्रियाओं और उनके लिए निर्धारित कर्तव्य के लिये प्रतिबद्ध करने हेतु।