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Saturday, November 21, 2020

जनजातिया खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय (कक्षा 7) सामाजिक विज्ञान

 अध्याय 7. जनजातीयां, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय

अध्याय का सारांश

नगरों का विकास - गावों का विस्तार होने के पश्चात नगरों का विकास हुआ।

मध्यकालीन युग में जाति प्रथा -हिंदू समाज मुख्य रूप से 4 जातियों में बॅटा हुआ था- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शुद्ध।

*ब्राह्मणों को कई विशेष अधिकार प्राप्त है। 

*क्षत्रिय जाति के लोग शासन संबंधी कार्य करते थे। वे अपने स्वाभिमान के लिए जाने जाते थे। 

*वैश्य जाति के लोग खेती, पशुपालन तथा व्यापार संबंधी कार्य करते थे। 

*शूद्रों को कोई अधिकार प्राप्त नहीं था। 

अहोम- उन्होंने असम पर शासन किया। वह आधुनिक म्यानमार से भारत आए थे। उनका पहला शासक सुफाका था।

गोंड - गोंडवाना नामक विशाल वन क्षेत्र के निवासी गोंडकहलाते थे। 15 वी शताब्दी से लेकर 18 वीं शताब्दी तक उन्होंने अनेक राज्य स्थापित के। रानी दुर्गावती एक प्रसिद्ध गोंड शासिका थी।

गोंडा की प्रशासनिक व्यवस्था - प्रत्येक गढ पर किसी विशेष गोंड कुल का नियंत्रण था। गढ चौरासियो (84 गांव का समूह) तथा चौरासी बरहतों (12 गांव का समूह) में बँटे हुए थे।

अभ्यास के प्रश्न

फिर से याद करें-

प्रश्न 1. निम्नलिखित में मेल बिठाए-

गढ़       ----खेल 

टांडा      ---    चौरासी 

श्रमिक   ---    कारवां 

कूल       ---     गढ़ कटंगा 

सिब सिंह ---    अहोम राज्य 

दुर्गावती    ---    पाईक

उत्तर:

गढ          -----चौरासी

टांडा          --- कारवां 

श्रमिक        ---पाइक 

कुल          --- खेल 

सिब सिंह     ---ओम राज्य 

दुर्गावती      ---गढ़ कटंगा

प्रश्न 2. रिक्त स्थानों को भरें-

क) वरना उनके भीतर पैदा होती नहीं जाती है कहलाती थी। ख) ---- अहोम लोगों के द्वारा लिखी गई ऐतिहासिक कृतियां थी।

ग) --- ने इस बात का उल्लेख किया है कि गढ़ कटंगा में 70000 गांव थे। 

घ) बड़े और ताकतवर होने पर जनजातीय राज्यों ने --- और ----- को भूमि अनुदान दिए।

उत्तर : क) उप-जातियां ख) बुरंजी ग) अकबरनामा में अबुल फजल घ) कवियों, विद्वानों

 प्रश्न 3. सही या गलत बताइए-

1.जनजातीय समाजों के पास समृद्ध वाचिक परंपरा थी-सही

2.उपमहाद्वीप के उत्तर पश्चिमी भाग में कोई जनजातीय समुदाय नहीं था। -गलत

3.गोंड राज्यों में अनेक नगरों को मिलाकर चौरासी बनता था।-गलत

4.भील उपमहाद्वीप के उत्तर पूर्वी भाग में रहते थे। -गलत

प्रश्न 4. खानाबदोश पशुचारकों और एक जगह बसे हुए खेतिहरों के बीच इस तरह का विनिमय होता था?

उत्तर:खानाबदोश पशुचारक एक जगह बसे हुए खेतीहरो को पशु उत्पाद जैसे घी, ऊन आदि देते थे। इन के बदले खेतीहर पशुचारकों को अनाज, कपड़े, बर्तन आदि देते थे।

आइए समझे-

प्रश्न 5.एवं राज्य का प्रशासन कैसे संगठित था?

उत्तर- 1.हम राज्य बेगार पर निर्भर था।

2. राज्य के लिए जिन लोगों से जबरदस्ती काम लिया जाता था, वे पाईक कहलाते थे।

3.एक जनगणना के अनुसार प्रत्येक गांव के लोग बारी-बारी से निश्चित संख्या में पाइक भेजते थे।इसके लिए घनी आबादी वाले क्षेत्रों से लोगों को उन जगहों में भेजा गया जहां जनसंख्या विरल थी। इस प्रकार एवं कुल विभाजित हो गए। 

4.शासन दिन प्रतिदिन केंद्रीकृत होने लगा और 17वीं शताब्दी के पूर्वार्ध तक यह लगभग पूरी तरह केंद्रीकृत हो गया।

5.युद्ध में लगभग सभी वयस्क लोगों को अपनी सेवाएं प्रदान करनी पड़ती थी। शांति काल में वे सार्वजनिक निर्माण के कार्यों में जुटे रहते थे।

प्रश्न 6. वर्ण आधारित समाज में क्या परिवर्तन आए?

उत्तर: 1.समय के साथ साथ समाज तथा अर्थव्यवस्था की आवश्यकताएं बड़ी। अतः नए शिल्पीयो तथा कारीगरों की आवश्यकता अनुभव हुई। फलस्वरूप वर्ण पर आधारित समाज का रूप बदलने लगा।

2.अब वर्णों के अंदर छोटी छोटी जातियाँ उभरने लगी। उदाहरण के लिए ब्राह्मणों के बीच नई जातियाँ सामने आई। कई जनजातियों तथा सामाजिक समूहों को जाति का दर्जा देकर जातिगत समाज का अंग बना लिया गया। इसी प्रकार सुनारों, लोहारों, बढ़ाइयों, राजमिस्त्रीयोंको भी ब्राह्मणों द्वारा जातियों के रूप में मान्यता दे दी गई। इस प्रकार वर्ण के स्थान पर जाति समाज का आधार बन गई।

प्रश्न 7. एक राज्य के रूप में संगठित हो जाने के बाद जनजातीय समाज कैसे बदला?

उत्तर: एक राज्य के रूप में संगठित हो जाने के बाद जनजातीय समाज में अनेक परिवर्तन आए। इन्हें गोंडो तथा अहोमों के उदाहरणों से समझा जा सकता है।

गोंड- 1.गोंड समाज के चरित्र में बड़े राज्यों के उदय में परिवर्तन देखने को मिला। 

2.बराबरी वाला समाज धीरे-धीरे असमान सामाजिक वर्गों में बट गया। 

3.ब्राह्मण गोंड राजाओं से दान में प्राप्त भूमि से अधिक प्रभावशाली हो गए। 

4.गोंड सरदारों में राजपूतों के रूप में मान्यता प्राप्त करने की इच्छा बढ़ने लगी। 

5.गढ़ कटंगा के गोंड राजा अमन दास ने संग्राम शाह की उपाधि धारण की।

अहोम - 1.अहोम 13वीं शताब्दी में आधुनिक म्यानमार से आकर ब्रह्मपुत्र घाटी में बस गए थे।

2.उन्होंने चुट्टियों कोच-हाजों के राज्यों पर विजय प्राप्त की तथा कई अन्य जनजातियों को अपने अधीन कर लिया। इस प्रकार उन्होंने एक बड़ा राज्य स्थापित कर लिया।

3.1660 ई.तक वे उच्च स्तर का बारूद तथा तोपों का निर्माण करने लगे।

4. अहोमों का समाज कुलों में बँटा हुआ था जिन्हें 'खेल' कहते थे।

5.एक खेल के नियंत्रण में कई गांव आते थे। किसान को अपने ग्राम समुदाय द्वारा भूमि दी जाती थी। समुदाय की सहमति के बिना राजा भी वह भूमि वापस नहीं ले सकता था। 

6.गोंडों की तरह उन्होंने भी ब्राह्मणों को भूमि अनुदान में दी जिससे ब्राह्मणों के प्रभाव में वृद्धि हुई। वे कवियों तथा विद्वानों को भी भूमि अनुदान में देने लगे। इस प्रकार उनका समाज एक परिष्कृत समाज बन गया।

आइए विचार करें

प्रश्न 8.क्या बंजारा लोग अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण थे?

उत्तर- बंजारा लोक सबसे महत्वपूर्ण व्यापारी थे। उनके कारवां को टांडा कहा जाता था।

1.बंजारों का ही प्रयोग करके अलादीन खिलजी ने अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की थी। बंजारों द्वारा ढुलाई करवाकर अनाज को नगरों की मंडियों तक पहुंचाया जाता था।

2.जहांगीर ने भी बंजारों का वर्णन किया है कि वह बैलों पर अनाज लादकर शहरों में बेचते थे।

3.मुगलों की सेना के लिए खाद्यान्नों की ढुलाई का काम भी बंजारे ही करते थे। 

इस प्रकार बंजारे अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।

प्रश्न 9. गोंड लोगों का इतिहास, अहोमों के इतिहास से किन मायनों में भिन्न था? क्या कोई समानता भी थी?

उत्तर- भिन्नता-

1.गोंड यहां के मूल निवासी थे। वे गोंडवाना नामक विशाल वन प्रदेश में रहते थे। इसके विपरीत अहोम बाहर से आकर ब्रह्मपुत्र घाटी में बसे थे।

2.गोंडा राज्य और राज्य से अधिक विशाल था। अकबरनामा के अनुसार गढ़ कटंगा के गोंड राज्य में 70,000 गांव थे।

3.गोंड राज्य का गढों, चौरासियों तथा बरहातों में विकेंद्रीकरण किया गया था। परंतु अहम राज्य अधिक केंद्रीकृत था।

4.गोंडा पर रानी दुर्गावती ने अपने पुत्र के नाम पर शासन किया। अहमो में किसी महिला शासिका का उल्लेख नहीं मिलता।

5.गोंड हाथियों का व्यापार करते थे, जबकि अहोम मुख्य रूप से किसान ही थे।

समानताए-

1.गोंड तथा अहोम दोनों ही मुगलों से पराजित हुए।

2.दोनों ने ही ब्राह्मणों को भूमि अनुदान में दी।


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