चीन ने बनाया परमाणु ऊर्जा से संचालित कृत्रिम सूर्य
चीन का कृत्रिम सूर्य एक नाभिकीय संलयन रिएक्टर है जिसे HL-2M टोकामक रिएक्टर कहा जाता है. इसके द्वारा प्रचंड गर्मी और शक्ति के उत्पादन के कारण इसे "कृत्रिम सूर्य" कहा जाता है.
चीन ने 04 दिसंबर, 2020 को पहली बार अपने परमाणु-संचालित कृत्रिम सूर्य - HL-2M टोकामक रिएक्टर को सफलतापूर्वक सक्रिय किया है. इस फ्यूजन रिएक्टर को एक संक्षिप्त परीक्षण के लिए स्विच किया गया था.
इस परमाणु संलयन रिएक्टर के सफल सक्रियण को एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब दुनिया भर के देश परमाणु ऊर्जा के सुरक्षित, स्वच्छ रूपों के लिए बदलाव का भरपूर प्रयास कर रहे हैं.
यह विकास क्यों महत्वपूर्ण है👇
परमाणु ऊर्जा से संचालित कृत्रिम सूर्य केवल चीन की सामरिक ऊर्जा जरूरतों को हल करने में मदद नहीं करेगा, बल्कि चीन की ऊर्जा और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के भविष्य के सतत विकास के लिए भी इसका बहुत महत्व है.
चीन के कृत्रिम सूर्य के बारे में जानने योग्य 7 जरूरी बातें👇
चीन का कृत्रिम सूर्य एक नाभिकीय/ परमाणु संलयन रिएक्टर है जिसे HL-2M टोकामक रिएक्टर कहा जाता है. इसके द्वारा प्रचंड गर्मी और शक्ति के उत्पादन के कारण इसे "कृत्रिम सूर्य" कहा जाता है.
यह परमाणु संलयन रिएक्टर चीन का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत परमाणु संलयन प्रायोगिक अनुसंधान उपकरण है.
वैज्ञानिकों का लक्ष्य इस डिवाइस का उपयोग करके एक शक्तिशाली स्वच्छ ऊर्जा स्रोत को उत्पन्न करना है.
यह रिएक्टर गर्म प्लाज्मा के एक निहित लूप में शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्रों को सक्रिय करके शक्ति उत्पन्न करता है, जो 150 मिलियन सेल्सियस से अधिक के तापमान तक पहुंच सकता है, जो सूर्य के कोर की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक गर्म है.
इस रिएक्टर को मैग्नेट और सुपरकूलिंग तकनीक समाहित रखेगी.
चीन ने अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) परियोजना के साथ काम करके यह परमाणु रिएक्टर विकसित किया है. इस अंतर्राष्ट्रीय संगठन में दर्जनों परमाणु शक्ति वाले देश शामिल हैं.
इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य एक ही अवधारणा के आधार पर परमाणु संलयन का एक विश्वसनीय रूप विकसित करना है.
फ्यूजन क्या है?👇
फ्यूजन को ऊर्जा का ‘होली ग्रेल' माना जाता है, जो हमारे सूर्य को भी शक्ति प्रदान करता है. फ्यूजन परमाणुओं के नाभिक को विलय करके शक्ति उत्पन्न करता है. यह प्रक्रिया ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं करती है और दुर्घटनाओं या परमाणु सामग्री के ह्रास के जोखिम को कम करती है.
फ़्यूज़न और फिशन के बीच अंतर👇👇👇
फ़्यूज़न👇
यह फ़्यूजन/ संलयन प्रक्रिया परमाणु नाभिक को एक साथ लाती है जिससे भारी मात्रा में ऊर्जा पैदा होती है.
फिशन👇
फिशन प्रक्रिया, जिसका उपयोग परमाणु और परमाणु हथियारों के साथ-साथ परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में किया जाता है, परमाणु नाभिक को टुकड़ों में विभाजित करती है.
फ़्यूज़न👇
यह बड़ी मात्रा में परमाणु कचरा/ अपशिष्ट उत्पन्न नहीं करता है.
फिशन👇
यह परमाणु कचरा उत्पन्न करता है.
फ़्यूज़न👇
इसे हासिल करना कठिन है.
फिशन👇
इसे हासिल करना आसान है.
पृष्ठभूमि
चीन का परमाणु-संचालित कृत्रिम सूर्य दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में स्थित है. यह वर्ष, 2019 के अंत में पूरा हो गया था. चीनी वैज्ञानिक वर्ष, 2006 से परमाणु संलयन रिएक्टर के छोटे संस्करणों को विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं.
अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर वैज्ञानिक भी फ्रांस में स्थित अपने स्वयं की परमाणु संलयन अनुसंधान परियोजना पर काम कर रहे हैं. यह परियोजना, जो दुनिया की सबसे बड़ी होगी, वर्ष, 2025 तक पूरी होने की उम्मीद है.