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Sunday, January 24, 2021

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 

भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया

ओडिशा के बालासोर में 30 सितम्बर 2020 को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. यह मिसाइल 400 किलोमीटर तक वार करने में सक्षम है.

भारत ने ओडिशा स्थित एक प्रक्षेपण स्थल से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का 30 सितम्बर 2020 को सफल प्रायोगिक परीक्षण किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए बधाई दी. रक्षा मंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण पर वैज्ञानिकों, इंजिनियरों और डीआरडीओ को बधाई दी. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने सफल परीक्षण लॉन्च के साथ एक और उपलब्धि हासिल की है, जो ऑपरेशनल क्षमताओं और अतिरिक्त स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करती है.

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400 किमी है मिसाइल की मारक क्षमता

ओडिशा के बालासोर में 30 सितम्बर 2020 को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. यह मिसाइल 400 किलोमीटर तक वार करने में सक्षम है. डीआरडीओ ने यह परीक्षण अपने पीजे-10 परियोजना के तहत किया है. इस टेस्ट के लिए मिसाइल को देसी बूस्टर से लक्ष्य पर दागा गया. यह ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का दूसरा सफल परीक्षण है. मिसाइल को समुद्र, जमीन और लड़ाकू विमानों से भी दागा जा सकता है.

मिसाइल के एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का पहला परीक्षण

बता दें कि इससे पहले दिसंबर में 290 किलोमीटर रेंज के ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण हुआ था. ब्रह्मोस के नए संस्करण का प्रपल्शन सिस्टम, एयरफ्रेम, पॉवर सप्लाई समेत कई महत्वपूर्ण उपकरण भारत में ही विकसित किए गए हैं. ब्रह्मोस को भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओएम ने संयुक्त रूप से विकसित किया है. ब्रह्मोस दुनिया की अपनी तरह की इकलौती क्रूज मिसाइल है, जो सुपरसोनिक स्पीड से दागी जा सकती है. भारतीय सेना के तीनों अंगों के लिए ब्रह्मोस मिसाइल के अलग-अलग संस्करण बनाए गए हैं.

विश्व की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल

डीआरडीओ और रूस के प्रमुख एरोस्पेस उपक्रम एनपीओएम द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्राह्मोस मिसाइल 'मध्यम रेंज की रेमजेट सुपरसोनिक क्रूज' मिसाइल है. इस मिसाइल को पनडुब्बी, युद्धपोत, लड़ाकू विमान तथा जमीन से दागा जा सकता है. यह मिसाइल पहले से ही भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना के पास है. इसे विश्व की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है.

मिसाइल की विशेषता

यह मिसाइल 8.4 मीटर लंबा तथा 0.6 मीटर चौड़ा है तथा इसका वजन 3000 किलोग्राम है. यह मिसाइल 300 किलोग्राम वजन तक विस्फोटक ढोने तथा 300 किलोमीटर से 500 किलोमीटर तक प्रहार करने की क्षमता रखता है. यह सुपरसोनिक रूस मिसाइल आवाज की गति से भी 2.8 गुना तेज जाने की क्षमता रखता है. इस मिसाइल को पानी जहाज हवाई जहाज जमीन एवं मोबाइल लांचर से छोड़ा जा सकता है. इस मिसाइल को किसी भी दिशा एवं लक्ष्य की ओर मनचाहा तरीके से छोड़ा जा सकता है. यह मिसाइल घनी शहरी आबादी में भी छोटे लक्ष्यों को भी सटीकता से भेदने में सक्षम है.

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