हर व्यक्ति के जीवन में कुछ कार्य ऐसे जरुर होते हैं जिन्हें करना हमेशा असंभव ही लगता है.. और जब कोई दूसरा व्यक्ति आकर उसी असंभव काम को संभव करके दिखा देता है तो हमें लगता है कि यार वो बहुत लकी है। दरअसल, असंभव कार्य को करने के लिए जितनी कठोर मेहनत की आवश्यकता होती है, उतनी आपने कभी की ही नहीं.. कोई भी काम असंभव नहीं होता, बल्कि थोडा कठिन होता है| जब कोई काम इतना कठिन होता है जिसे हम आसानी से नहीं कर सकते तो बस हम उसे असंभव कहने लगते हैं।
यही असंभव शब्द जब हमारे दिमाग में बैठ जाता है तो हम फिर प्रयास करना ही बंद कर देते हैं| आपको याद होगा कि पहले वन डे क्रिकेट में 300 रन बनाना, किसी भी टीम के लिए बहुत बड़ी बात होती थी, अगर किसी टीम ने 300 रन बना लिए तो उसकी जीत निश्चित हो जाती थी क्यूंकि उस समय तक 300 रन को पछाड़ना असंभव सा प्रतीत होता था| लेकिन समय बदला, नए लोग आये… पिच पर रन तेजी से बनने लगे और आज तो वन डे में 300 रन बनाना बहुत मामूली सी बात है, अब तो लोग 400 रन को भी पछाड़ देते हैं|
पहले वन डे में शतक बनाने पर बहुत तारीफें होती थीं और वन डे में दोहरा शतक लगाना तो असंभव ही था| उसके बारे में तो कोई सोचता भी नहीं था… लेकिन हमारे मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने लोगों के इस भ्रम को तोडा और वन डे में 200 रन बनाकर एक कीर्तिमान स्थापित किया.. और ये कहानी यहीं नहीं रुकी, कुछ ही दिन बाद विस्फोटक बल्लेबाज सहवाग ने भी दोहरा शतक लगा दिया| इसके बाद 200 रन कई लोग अब बना चुके हैं|
शिक्षा:-
तो मित्रों असंभव तो कुछ था ही नहीं.. बल्कि काम बेहद कठिन था इसलिए हम उसे असंभव मान बैठे| कोई फर्क नहीं पड़ता, अगर आपने असंभव मान लिया…
अरे कोई फर्क नहीं पड़ता, अगर आपने प्रयास नहीं किया…
कोई फर्क नहीं पड़ता.. अगर आपने हिम्मत छोड़ दी लेकिन एक बात याद रखना.. एक ना एक दिन एक ऐसा शख्स आयेगा जो इस असंभव को संभव बना कर दिखा देगा.. और ऐसा करके वो शख्स दुनिया में छा जायेगा और सिर्फ यही बोलोगे कि वो लकी है|
दुनिया में मेहनत करने वालों की कमी नहीं है| आप नहीं तो कोई और सही.. असंभव के चक्रव्यूह को कोई आकर चुटकियों में ढेर कर देगा| तो मित्रों, असंभव शब्द को अपने मन, मष्तिष्क से निकाल दीजिये क्यूंकि यह शब्द आपको आगे बढ़ने से रोक रहा है|