सामाजिक विज्ञान कक्षा 8
प्रश्न अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)
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फिर से याद करें
1. निम्नलिखित के जोड़े बनाएं -
उत्तर-
2. खाली स्थान भरें:
क) बंगाल पर अंग्रेजों की जीत --- की जंग से शुरू हुई थी।
ख) हैदर अली और टीपू सुल्तान -- के शासक थे।
ग्) डलहौजी ने -- का सिद्धांत लागू किया।
घ) मराठा रिसायतें मुख्य रूप से भारत के -- भाग में स्थित थीं।
उत्तर-क) प्लासी ख) मैसूर ग्) विलय घ) पश्चिम
3. सही या गलत बताएं:
क) मुगल साम्राज्य अठरहवी सदी में मजबूत होता गया। - गलत
ख) इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत के साथ व्यापार करने वाली एकमात्र युरोपियन कंपनी थी। - गलत
ग्) महाराज रंजीत सिंह पंजाब के राज्य थे। - सही
घ) अंग्रेजों ने अपने कब्जे वाले इलाकों में कोई शासकीय बदलाव नहीं किए। -गलत
आइए विचार करें
4. यूरोपीय व्यापारिक कंपनियाँ भारत की तरफ क्यों आकर्षित हो रही थी?
उत्तर- यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों के भारत की तरफ आकर्षित होने के निम्नलिखित कारण थे-
1) युरोपियन कंपनियों ने भटट के साथ व्यापार में यापार संभावनाएं देखी।
2) यूरोपीय देशों में भारत की अनेक वस्तुओं की भारी मांग थी; जैसे- कपास, रेशम, काली मिर्च, लौंग, इलायची और दालचीनी इत्यादि।
3) वे भारत में कम कीमत पर सामानों को खरीदकर वापस यूरोप जाकर उन्हें उचे दाम पर बेच सकते थे। इन्हीं व्यापारिक संभावनाओं के कारण यूरोपीय कंपनियां भारत की ओर आकर्षित हो रही थी।
5. बंगाल के नवाबों और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच किन बातों पर विवाद थे?
उत्तर- बंगाल के नवाबों और कंपनी के बीच विवाद के कारण-
1) नवाबों ने कंपनी को छूट देने से मना कर दिया था।
2) नवाबों ने कंपनी को व्यापारिक अधिकार देने के लिए बहुत अधिक धनराशि की माँग की।
3) नवाबों ने कंपनी को सिक्का ढालने का अधिकार देने से भी मना कर दिया।
4) नवाबों ने कंपनी पर टैक्स अदा नहीं करने के साथ-साथ अपमानजनक पत्र लिखने का आरोप लगाया।
कंपनी ने भी नवाबों पर निम्नलिखित आरोप लगाए
5) नवाबों के स्थानीय अधिकारी कंपनी के व्यापार को नष्ट कर रहे है।
6)कंपनी को अधिक टैक्स देना पड़ रहा है।
7) कंपनी को किलाबंदी के विस्तार व पुनर्निर्माण को अनुमति नहीं दी जा रही।
6. दीवानी मिलने से ईस्ट इंडिया कंपनी को किस तरह फायदा पहुँचा?
उत्तर- दीवानी मिलने से कंपनी की फायदा हुआ-
1) दीवानी मिलने के कारण कंपनी को बंगाल के विशाल राजस्व संसाधनों पर नियंत्रण मिल गया।
2) कंपनी भारत से ज्यादातर वस्तुएं ब्रिटेन से लाए गए सोने-चाँदी के बदले खरीदती थी, लेकिन अब उसे ब्रिटेन से सोना-चाँदी लाने की आवश्यकता ही नहीं रही।
3) अब कंपनी भारत से होने वाले लाभ से अपने खर्च चला सकती थी; जैसे- सूती, रेशमी कपड़ा खरीदना, अपनी सेना के खर्चों की पूर्ति करना और कलकत्ता में किले और दफ्तरों के निर्माण का खर्चा उठाना इत्यादि।
7. ईस्ट इंडिया कंपनी टीपू सुल्तान को खतरा क्यों मानती थी?
उत्तर- टीपू सुल्तान को कंपनी द्वारा खतरा मानने के कारण-
1) मलाबार त्यात पर होने वाला व्यापार मैसूर रियासत के नियंत्रण में था जहाँ से कंपनी काली मिर्च और इलायची खरीदती थी। टीपू सुल्तान ने अपनी रियासत के बंदरगाहों से होने वाले निर्यात पर रोक लगा दी।
2) टीपू सुल्तान ने स्थानीय सौदागरों को भी कंपनी के साथ व्यापार करने से रोक दिया।
3) टीपू सुल्तान ने भारत में रहने वाले फ्रांसीसी व्यापारियों से घनिष्ठ संबंध स्थापित किए और उनकी मदद से अपनी सेना का आधुनिकीकरण किया।
8. "सब्सिडियरी एलायन्स" (सहायक संधि) व्यवस्था की व्याख्या करें।
उत्तर- सहायक संधि का अर्थ- गवर्नर जनरल लॉर्ड वेलेजली ने भारत में कंपनी के शासन के विस्तार के उद्देश्य सहायक संधि को अपनाया था। इसे सहायक संधि इसलिए कहा गया की जो भी भारतीय शासक इस संधि की शर्तों को मानने के लिए तैयार हो जाता था कंपनी उसकी सुरक्षा में पूर्ण सहयोग करने का वायदा करती थी।
सहायक संधि की शर्तें -
1) भारतीय शासकों को अपनी स्वतंत्र सेना रखने की इजाजत नहीं होगी।
2) जिन शासकों को सुरक्षा का भर कंपनी पर होगया, वे इसके लिए कंपनी को शुल्क प्रदान करेंगे। शुल्क नहीं देने की स्थिति में कंपनी दंड के रूप में शुल्क के बराबर राजस्व वाला क्षेत्र शासक से छिन लेंगी।
3) शासक को अपने दरबार में एक अंग्रेज रेजिडेंट रखन होगया जो शासक को गतिविधियों पर नजर रखेगा।
9. कंपनी का शासन भारतीय राजाओं के शासन से किस तरह अलग था?
उत्तर- भारतीय राजाओं के शासन और कंपनी के शासन में अंतर-
10. कंपनी की सेना में आए संरचनात्मक बदलावों का वर्णन करें।
उत्तर- कंपनी की सेना में आए संरचनात्मक बदलाव -
1) कंपनी ने पैदल और घुड़सवार सिपाहियों की जगह पेशेवर सैनकों की भर्ती की।
2) कंपनी ने सैनिकों को यूरोपियों शैली में नई युद्ध तकनीक से प्रशिक्षित किया।
3) कंपनी ने अपने सैनिकों को आधुनिक हथियारों, जैसे- मस्केट तथा मैचलॉक आदि से लैस किया गया।
4) कंपनी ने सेना में यूरोपीय सैनिलों की संख्या बढ़ दी तथा सेना के महत्त्वपूर्ण स्थान; जैसे- तोपखाना, टैंक इत्यादि पर यूरोपीय सैनिकों को नियुक्त किया गया।
5) सेना में यह भावना जगाई की उनका कोई धर्म जाति, नहीं है वह केवल सैनिक है। ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति वफादारी रखना उनका कर्तव्य है।
आइए करके देखें
11. बंगाल में अंग्रेजों की जीत के बाद कलकत्ता एम छोटे से गाँव से बड़े शहर में तब्दील हो गया। औपनिवेशिक कल के दौरान शहर के यूरोपीय और भारतीय निवासियों की संस्कृति, शिल्प और जीवन के बारे में पता लगाएं।
उत्तर- औपनिवेशिक कल के दौरण शहर के यूरोपीय और भारतीय निवासियों की संस्कृति, शिल्प और जीवन में निम्नलिखित बदलाव आए-
1) औपनिवेशिक कल में कलकत्ता एक प्रशासनिक केंद्र बन गया था। यूरोपीय लोग उच्च स्तरीय सुविधाओं से पूर्ण क्षेत्रों में रहते थे, जबकि भारतीय लोग अनियोजित सघन तथा सुविधाहीन क्षेत्रों में रहने को मजबूर थे।
2) कलकत्ता का विकास भारत के प्रमुख सांस्कृतिक रंगमंच केंद्र के रूप में हुआ था। नाटक, सामूहिक रंगमंच भारतीय शास्त्रीय संगीत, धार्मिक तथा सांस्कृतिक उत्सवों आदि में लोग उत्साहवर्धक भाग लेते थे।
3) औपनिवेशिक शासन के दौरान कलकत्ता की शानदार इमारतों का साक्षी बना। इसमें मिस्री रोमन, प्राच्य तथा भारतीय मुस्लिम कलाकृतियों का उपयोग किया गया। भारतीय संग्रहालय विक्टोरिया मेमोरियल इत्यादि इसके कुछ उदाहरण है।
12. निम्नलिखित में से किसी एक के बारे में तस्वीरें, कहानियाँ, कविताएं और जानकारियाँ इकट्ठा करें- झाँसी की रानी, महादजी सिंधिया, हैदर अली, महाराजा रंजीत सिंह, लॉर्ड डलहौजी या आपके इलाके का कोई पुराना शासक।
उत्तर- लक्ष्मीबाई का जन्म संभवत: 19 नवंबर 1828 को एक पवित्र ब्राह्मण परिवार में वाराणसी के पवित्र शहर में हुआ था। उसके पिता मोरोपंत तांबे थे। उसके पिता बिठूर जिले के पेशवा के एक न्यायालय के लिए काम करते थे। पेशवा ने मणिकर्णिका को अपनी बेटी की तरह पाला। पेशवा ने उसे "छबीली" कहा, जिसका अर्थ है "चंचल"।
वह घर पर शिक्षित थी और बचपन में अपनी उम्र के अन्य लोगों की तुलना में अधिक स्वतंत्र थी; उनके अध्ययन में तीरंदाजी, घुड़सवारी और आत्मरक्षा शामिल थी।
रानी लक्ष्मीबाई महल और मंदिर के बीच एक छोटे से एस्कॉर्ट के साथ घोड़े पर सवार होने की आदी थीं। रानी महल, रानी लक्ष्मीबाई का स्थान अब एक संग्रहालय में बदल दिया गया है। वह मर गई, ब्रिटिश सेना से लड़ते हुए, अपने राज्य झाँसी को बचाने के लिए। वह अपने राज्य झाँसी की रक्षा करते हुए अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई में अपना जीवन न्योछावर कर दिया।